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Showing posts from April, 2025

Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees

Image for representation only   Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees Surah Younus, Ayat No. 62 -       Jonah (10:62)  أَلَآ إِنَّ أَوْلِيَآءَ ٱللَّهِ لَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ ٦٢ There will certainly be no fear for the close servants of Allah, nor will they grieve. सुन लो! निःसंदेह अल्लाह के मित्रों को न कोई भय है और न वे शोकाकुल होंगे। Holy Quran:  10-62 Hadees e Nabvi-saw حَدَّثَنَا زُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ، وَعُثْمَانُ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، قَالاَ حَدَّثَنَا جَرِيرٌ، عَنْ عُمَارَةَ بْنِ الْقَعْقَاعِ، عَنْ أَبِي زُرْعَةَ بْنِ عَمْرِو بْنِ جَرِيرٍ، أَنَّ عُمَرَ بْنَ الْخَطَّابِ، قَالَ قَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم ‏"‏ إِنَّ مِنْ عِبَادِ اللَّهِ لأُنَاسًا مَا هُمْ بِأَنْبِيَاءَ وَلاَ شُهَدَاءَ يَغْبِطُهُمُ الأَنْبِيَاءُ وَالشُّهَدَاءُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ بِمَكَانِهِمْ مِنَ اللَّهِ تَعَالَى ‏"‏ ‏.‏ قَالُوا يَا رَسُولَ اللَّهِ تُخْبِرُنَا مَنْ هُمْ ‏.‏ قَالَ ‏"‏ هُمْ قَوْمٌ تَحَابُّوا بِرُوحِ اللَّهِ عَلَى غَيْرِ أَرْحَا...

पैग़म्बर मुहम्मद सल्लाहों अलैहि वसल्लम के बाद, अफ़ज़लियत इमाम अली अलैहिस सलाम - क़ुरान और हदीस की रौशनी में - हिंदी में

नबी सल्लाहों अलैहि वसल्लम के बाद, जो सबसे अफ़ज़ल है वो इमाम अली अलैहिस सलाम है - क़ुरान और हदीस की रौशनी में - हिंदी में  अस सलामों अलैकुम, दोस्तों अगर हम इस्लामी दौर के प्रमुख शख़्शियत के बारे में बात करे तो, बेशक़ सबसे पहले हमारे आक़ा और  अल्लाह के रसूल, हज़रत मुहम्मद सल्लाहों अलैहि वसल्लम ही है, उनको इस्लाम के दो प्रमुख फ़िरक़े शिया और सुन्नी दोनों ही मानते है ।  लेकिन अगर पैग़म्बर मुहम्मद स० के बाद कौन सबसे अफ़ज़ल है , ये अगर किसी शिया के पूछा जाये तो वो हज़रत इमाम अली अलैहिस सलाम को सबसे  अफ़ज़ल बताएँगे । लेकिन अगर सुन्नी से पूछा जाये तो ज्यादातर सुन्नी खुलफ़ा ए राशिदीन में से सबसे पहले ख़लीफ़ा हज़रत अबू बकर सिद्दीक रज़ि० का नाम लेंगे।  हालांकि सुन्नी भी हज़रत अली रज़ि० को चौथे ख़लीफ़ा मानते है।  हज़रत अली रज़ि० जो कि न सिर्फ दामाद ए रसूल (स०) थे बल्कि वो रसूलल्लाह (स०) के चचाज़ात भाई भी थे यानी की वो अहलेबैत में से थे।    आईए अब जानते है कि अल्लाह और उसके रसूल स० ने क़ुरान और हदीस के जरिये जिस शख़्शियत को पैग़म्बर मुहम्मद सल्लाहों अलैहि वसल्लम के बाद सबसे अफ़ज़ल बताया...

What is called Sufism in simple words – a complete study

  . Sufism is a mystical and spiritual dimension of Islam. Practitioners Sufism are referred to as "Sufis". Sufis emphasize the inner, personal experience with Allah (God) beyond the outward practices of Islam. Sufism focuses on the purification of the heart and soul, aiming to attain closeness to Allah (God) through love, devotion, and selflessness.   What is called Tasawwuf? Sufism also translated as Tasawwuf which refers focusing on spiritual purification through practices like meditation, remembrance and devotion.   What are Aims and Objectives of Sufis? While all Muslims believe that they will close to Allah after death in Paradise (Jannat), but in Sufism, Sufis believe that it may be possible to close to Almighty Allah by strong devotion in this life also. When a person follows Sufism and becomes Sufi, he has to leaves all the bad habits of his life and only tries to attain Allah. The Sufis believed that the relationship between man and God was tha...

इस्लाम में खूनी-रिश्तों का महत्त्व

  इस्लाम में खूनी-रिश्तों का महत्त्व   Importance of Blood-relations in Islam - in Hindi दोस्तों,  खूनी-रिश्तें  वो रिश्ते होते है जो खून के जरिये बनते है, यानी जन्म से ही, जैसे माता-पिता, बच्चें, भाई-बहन, दादा-दादी आदि। खूनी-रिश्तें विवाह या अन्य कोई कारण से नहीं बल्कि जन्म से बनते है।   अगर देखा जाये तो ये जो खूनी-रिश्तें होते है वो इंसान नहीं बनाते, ये रिश्ते खुदा  है, जैसे किसी बच्चे के कौन माता-पिता, बच्चें, भाई-बहन, दादा-दादी आदि होंगे वो बच्चा खुद नहीं बनता बल्कि ये रिश्तें तो खुदा खुद ही बना कर बच्चे को दुनिया में भेजता है।  इसी तरह अगर कोई व्यक्ति चाहे कि वो अपने लिए लड़का या लड़की को जन्म दे तो वो भी इंसान के बस में नहीं है तो भी खुदा ही तय करता है है कि किस व्यक्ति को लड़का देना है और किस व्यक्ति को लड़की देना है और किस व्यक्ति को दोनों देना है और किस  व्यक्ति को कुछ भी नहीं देना है, ये सारे फ़ैसले खुदा खुद करता है। इसलिए ये कहना उचित होगा कि  जो भी खूनी-रिश्तें होते है वो खुदा ही बनाते है।   वैसे तो खूनी-रिश्तों का महत्त...