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Showing posts from March, 2025

Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees

Image for representation only   Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees Surah Younus, Ayat No. 62 -       Jonah (10:62)  أَلَآ إِنَّ أَوْلِيَآءَ ٱللَّهِ لَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ ٦٢ There will certainly be no fear for the close servants of Allah, nor will they grieve. सुन लो! निःसंदेह अल्लाह के मित्रों को न कोई भय है और न वे शोकाकुल होंगे। Holy Quran:  10-62 Hadees e Nabvi-saw حَدَّثَنَا زُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ، وَعُثْمَانُ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، قَالاَ حَدَّثَنَا جَرِيرٌ، عَنْ عُمَارَةَ بْنِ الْقَعْقَاعِ، عَنْ أَبِي زُرْعَةَ بْنِ عَمْرِو بْنِ جَرِيرٍ، أَنَّ عُمَرَ بْنَ الْخَطَّابِ، قَالَ قَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم ‏"‏ إِنَّ مِنْ عِبَادِ اللَّهِ لأُنَاسًا مَا هُمْ بِأَنْبِيَاءَ وَلاَ شُهَدَاءَ يَغْبِطُهُمُ الأَنْبِيَاءُ وَالشُّهَدَاءُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ بِمَكَانِهِمْ مِنَ اللَّهِ تَعَالَى ‏"‏ ‏.‏ قَالُوا يَا رَسُولَ اللَّهِ تُخْبِرُنَا مَنْ هُمْ ‏.‏ قَالَ ‏"‏ هُمْ قَوْمٌ تَحَابُّوا بِرُوحِ اللَّهِ عَلَى غَيْرِ أَرْحَا...

मौला अली की शान में आशार , शेर, कलाम - hindi me,

 मौला अली की शान में आशार , शेर, कलाम  इससे ज्यादा क्या कहू मौला की शान में  पैदा हुए आप खुदा के मकान में  जबसे पढ़ा है क़सीदा मौला की शान में  ताक़त सी आ गयी है मेरे ज़िस्म ओ जान में  मुश्किलकुशा है, आते है मुश्किलकुशाई में  उनको पुकारे कोई किसी भी ज़ुबान में  करने लगे तवाफ़ फ़रिश्तें मकान का  मैं ज़िक्र कर रहा था अली का मकान में  4 खुलफ़ाए राशेदीन में अली ,  5 पंजतन में अली,  10 अशराये मुब्बशिरा में अली,  313 अस्हाबे बद्र में अली, साबे मदीना में अली  ग़दीरे कून में अली, सुलेह हुदैबिया में अली, ख़ैबर में अली, ख़ंदक़ में अली,  मेहराब पे अली तो मिम्बर पे भी अली,  क़ाबा गवाह है दोषे पयम्बर पे भी अली,  हिज़रत की शब् हुज़ूर के बिस्तर पे भी अली,  जन्नत अली की मिल्क है कौसर पे भी अली,  बू ज़र में भी अली, तो सलमान में भी अली, आबाद दमा दम आदम के,  तन तन में अली, पंजतन में अली, लफ्ज़ो में अली,आहो  में अली, अश्क़ो में अली, धड़कन में अली,  फूलों में अली, लहजो में अली,  कलियों में अली, गुलशन में अली, सेहर...

हदीस ए नबवी हज़रत मोहम्मद (स.अलैह.) दरूद शरीफ़ के बारे में - हिंदी में

  हदीस ए नबवी  हज़रत  मोहम्मद  (स.अलैह.) दरूद शरीफ़ के बारे में - हिंदी में  अब्दुर्रहमान बिन अबी लैला ने रिवायत किया:  कअब बिन उजरा ने मुझसे मुलाकात की और कहा, "क्या मैं तुम्हें पैगम्बर से मिला हुआ तोहफा न दूं?" अब्दुर्रहमान ने कहा, "हां, मुझे दे दो।" मैंने कहा, "हमने अल्लाह के रसूल (ﷺ) से पूछा, 'अल्लाह के रसूल (ﷺ)! आप पर, परिवार के सदस्यों पर किस तरह से दुआ भेजी जाए, क्योंकि अल्लाह ने हमें आपको (नमाज़ में) सलाम करना सिखाया है?' उन्होंने कहा, 'कहो: ऐ अल्लाह! मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार पर अपनी रहमत भेज, जैसा कि तूने इब्राहीम और इब्राहीम के परिवार पर अपनी रहमत भेजी, क्योंकि तू सबसे प्रशंसनीय, सबसे महिमावान है। ऐ अल्लाह! मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार पर अपनी रहमत भेज, जैसा कि तूने इब्राहीम और इब्राहीम के परिवार पर अपनी रहमत भेजी, क्योंकि तू सबसे प्रशंसनीय, सबसे महिमावान है।'" Narrated `Abdur-Rahman bin Abi Laila:  Ka`b bin Ujrah met me and said, "Shall I not give you a present I got from the Prophet?" `Abdur- Rahman said, "Yes, ...