मौला अली की शान में आशार , शेर, कलाम
इससे ज्यादा क्या कहू मौला की शान में
पैदा हुए आप खुदा के मकान में
जबसे पढ़ा है क़सीदा मौला की शान में
ताक़त सी आ गयी है मेरे ज़िस्म ओ जान में
मुश्किलकुशा है, आते है मुश्किलकुशाई में
उनको पुकारे कोई किसी भी ज़ुबान में
करने लगे तवाफ़ फ़रिश्तें मकान का
मैं ज़िक्र कर रहा था अली का मकान में
4 खुलफ़ाए राशेदीन में अली ,
5 पंजतन में अली,
10 अशराये मुब्बशिरा में अली,
313 अस्हाबे बद्र में अली, साबे मदीना में अली
ग़दीरे कून में अली, सुलेह हुदैबिया में अली,
ख़ैबर में अली, ख़ंदक़ में अली,
मेहराब पे अली तो मिम्बर पे भी अली,
क़ाबा गवाह है दोषे पयम्बर पे भी अली,
हिज़रत की शब् हुज़ूर के बिस्तर पे भी अली,
जन्नत अली की मिल्क है कौसर पे भी अली,
बू ज़र में भी अली, तो सलमान में भी अली,
आबाद दमा दम आदम के,
तन तन में अली, पंजतन में अली,
लफ्ज़ो में अली,आहो में अली,
अश्क़ो में अली, धड़कन में अली,
फूलों में अली, लहजो में अली,
कलियों में अली, गुलशन में अली,
सेहरा में अली, दरिया में अली, तूफ़ा में अली,
उत्तर में अली, दक्षिण में अली,
पूरब में अली, पश्चिम में अली
रिम झिम में अली, बदल में अली, सावन में अली,
क़ाबे में अली क़िब्ले में अली,
अबरार अली, अनवार अली, शाहकार अली,
मुस्तफा ने फ़रमाया हर मोमिन का मौला है अली,
हर जा अली मिलेंगे न दामन बचाइए
बचना अगर अली से है तो जहन्नुम में जाईये
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