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Showing posts from May, 2025

Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees

Image for representation only   Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees Surah Younus, Ayat No. 62 -       Jonah (10:62)  أَلَآ إِنَّ أَوْلِيَآءَ ٱللَّهِ لَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ ٦٢ There will certainly be no fear for the close servants of Allah, nor will they grieve. सुन लो! निःसंदेह अल्लाह के मित्रों को न कोई भय है और न वे शोकाकुल होंगे। Holy Quran:  10-62 Hadees e Nabvi-saw حَدَّثَنَا زُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ، وَعُثْمَانُ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، قَالاَ حَدَّثَنَا جَرِيرٌ، عَنْ عُمَارَةَ بْنِ الْقَعْقَاعِ، عَنْ أَبِي زُرْعَةَ بْنِ عَمْرِو بْنِ جَرِيرٍ، أَنَّ عُمَرَ بْنَ الْخَطَّابِ، قَالَ قَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم ‏"‏ إِنَّ مِنْ عِبَادِ اللَّهِ لأُنَاسًا مَا هُمْ بِأَنْبِيَاءَ وَلاَ شُهَدَاءَ يَغْبِطُهُمُ الأَنْبِيَاءُ وَالشُّهَدَاءُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ بِمَكَانِهِمْ مِنَ اللَّهِ تَعَالَى ‏"‏ ‏.‏ قَالُوا يَا رَسُولَ اللَّهِ تُخْبِرُنَا مَنْ هُمْ ‏.‏ قَالَ ‏"‏ هُمْ قَوْمٌ تَحَابُّوا بِرُوحِ اللَّهِ عَلَى غَيْرِ أَرْحَا...

Hazrat Ali r.a. ko Maula Ali kyo kaha jata hai ?

  Image for representation only   हज़रत अली को  मौला अली क्यों  कहा जाता है ? अस सलामों अलैकुम  दोस्तों,  अक्सर हम लोग मौला अली का नाम सुनते है चाहे वो बयान में हो या किसी क़व्वाली में हो।  लेकिन क्या आप जानते है कि हज़रत अली को मौला अली क्यों कहा जाता है ? आईये हम क़ुरान और हदीस की रोशनी में जानने की कोशिश करते है।   ग़दीर ए ख़ुम की हदीस  सबसे पहले हम ग़दीर ए ख़ुम की हदीस जानेंगे।  जब हमारे नबी  (ﷺ) अपने आखिरी हज़ करने निकले जिसको हम हज़्ज़ातुल-विदा के नाम से भी जानते है, इस हज में तक़रीबन सवा लाख सहाबा शामिल हुए थे।  जब हज मुक़म्मल हो गया और वापसी कर रहे थे तो 18 ज़िल्हिज्जा को  ग़दीर ए ख़ुम की एक जगह पहुंचे और सभी को रुकने का आदेश दिया जो सहाबी आगे निकल गए थे उनको वापस बुलाया गया और जो सहाबी पीछे थे उनको भी बुलाया गया।  फिर आपने आदेश दिया कि एक मिम्बर बनाया जाये।  तो सहाबा ने ऊटो के कजावे का एक मिम्बर बनाया।   फिर आप    (ﷺ)  ने अल्लाह पाक की हम्द की और फ़रमाया, "ऐ लोगों करीब है कि मौत का फ़रिश्ता आ...

असल में, अहलेबैत कौन है ?

Image for representation only           असल में,       अहलेबैत  कौन  है ?      (Prophet's Family) अस सलामो अलैकुम, दोस्तों, हम अहलेबैत शब्द अक्सर सुनते है लेकिन क्या आप जानते है अहलेबैत कौन है और अहलेबैत का क्या मतलब होता है।  तो आईये क़ुरान और हदीस की रौशनी में जानते है कि अहलेबैत कौन है ।   अहलेबैत का मतलब क्या होता है? अहलेबैत का मतलब होता है, घर में रहने वाले लोग यानी नबी (ﷺ) के घर वाले (Family of Prophet).  अहलेबैत का असल मतलब खूनी रिश्तों (Blood Relations ) से है, जो हम आगे जानेंगे।  अब जानते है कि क़ुरान शरीफ़ में अहलेबैत का ज़िक्र कहा किया गया है, तो इसका ज़िक्र सूरह हुद की आयत नंबर 73  और सूरह अहज़ाब की आयत नंबर 33 में किया गया है।  Hud (11:73)  قَالُوٓا۟ أَتَعْجَبِينَ مِنْ أَمْرِ ٱللَّهِ ۖ رَحْمَتُ ٱللَّهِ وَبَرَكَـٰتُهُۥ عَلَيْكُمْ أَهْلَ ٱلْبَيْتِ ۚ إِنَّهُۥ حَمِيدٌۭ مَّجِيدٌۭ ٧٣ They responded, “Are you astonished by Allah’s decree? May Allah’s mercy and b...

क्या हम एक साथ दो नमाज़ अदा कर सकते है ? अशराइन और मग़रिबैन - Ashrain & Maghribain

क्या हम एक साथ दो नमाज़ अदा कर सकते है ? अशराइन और मग़रिबैन  दोस्तों, इस्लाम में दो प्रमुख फ़िरक़े है शिया और सुन्नी।  और दोनों अलग अलग तरह से नमाज़ पढ़ते है।  शिया फ़िरक़े में अक्सर वो ज़ोहर और असर की नमाज़ को एक ही वक़्त में अदा कर लेते है जिसको ज़ोहराएँ या अशराइन कहा जाता है इसी तरह वो लोग मग़रिब और ईशा की नमाज़ को भी एक ही वक़्त में मिलाकर अदा कर लेते है जिसको मग़रिबैन कहा जाता है।  जबकि सुन्नी लोग पांच वक़्त की नमाज़ अलग अलग वक़्त पे ही अदा करते है।   क्या सुन्नी लोग भी एक साथ दो नमाज़ अदा कर सकते है ? बहुत से सुन्नी, जब शिया को  एक साथ दो नमाज़ अदा करते देखते या सुनते है तो उनके भी मन में आता है कि जब अक्सर मशरूफियत की वज़ह से वक़्त नहीं मिल पाता तो वो सोचते है कि क्या सुन्नी लोग भी  एक साथ दो नमाज़ अदा कर सकते है।  अगर वो किसी सुन्नी उलेमा या मौलाना से ये सवाल पूछने जाते है तो उनको मौलाना की तरफ से साफ़ माना कर दिया जाता है कि वो  एक साथ दो नमाज़ अदा नहीं कर सकते है और वो मायूस होकर घर लौट आते है।  ये अक्सर देखा गया है कि बहोत से सुन्नी जब उनको मशरूफि...

Imam Ali AS is the most virtuous person, after Prophet Muhammad PBUH - in the light of Quran and Hadith

  .. Imam Ali AS is the most virtuous person, after Prophet Muhammad PBUH - in the light of Quran and Hadith   As Salaam o Alaikum, Friends, if we talk about the prominent personalities of the Islamic era, then undoubtedly the first person is, our master and the Messenger of Allah, Hazrat Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam, he is accepted by both the two major sects of Islam, Shia and Sunni. But if any Shia is asked who is the most virtuous after Prophet Muhammad, then he will say that Hazrat Imam Ali - May Allah peace on him is the most virtuous. But if a Sunni is asked, then most of the Sunnis will name the first Caliph among the Khulafa-e-Rashidin, Hazrat Abu Bakr Siddique RA. Although Sunnis also consider Hazrat Ali RA as the fourth Caliph. Hazrat Ali (RA) was not only the son-in-law of Rasul (SA) but he was also the cousin of Rasulallah (SA) i.e. he was one of the Ahlebait (Blood relative Family Member).   Let us now know who is the person whom Allah and...