हज़रत अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमत उल्लाह अलैहे का वाक़िया - एक डाकू कैसे अल्लाह का वली बन गया.
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पीरों के पीर हज़रत अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमत उल्लाह अलैहे को भला इस दुनिया में कौन नहीं जानता, उनके मानने वाले दुनिया के कोने कोने में है. आज में आपको एक डाकू जो आगे चलकर अल्लाह का वली बन गए उनका वाक़िया बताने वाला हूँ।
जब एक काफिला बगदाद की तरफ जा रहा था तो उस काफ़िले में एक नौउम्र लड़का भी था जब डाकुओं ने उस काफ़िले पर हमला कर दिया तो लोगो ने अपना माल छुपाने की कोशिश करने लगे लेकिन डाकुओं ने सब माल उनसे छीन लिया। जब सभी लोगो से पूछताछ होने लगी तो जब इस लड़के की बारी आयी तो डाकू ने पूछा की तुम्हारे पास भी कुछ माल है तो इस लड़के ने कहा हा मेरे पास ४० दीनार है तो डाकुओ को बड़ी हैरत हुई. तो डाकू ने पूछा की कहा है तो लड़के ने कहा मेरी कमर के कपडे में मेरी माँ ने सिलाई कर दिया है तो जब तलाशी ली गयी तो वो ४० दीनार निकल आयी। इस लड़के के सच बोलने पर डाकुओं के सरदार को सोचने पर मज़बूर कर दिया कि कैसे एक छोटा लड़का सच बोल रहा है और अपनी माँ की बातो का फरमाबरदारी कर रहा है। सरदार को अपनी गलती का एक्सेस हुआ और उसने अपने रब से तौबा की और सारे लोगों का माल वापस कर दिया। और आगे चलकर वो डाकुओं का सरदार एक कामिल अल्लाह का वली बन गया।
और वो लड़का जिसको हमलोग ग़ौसे आज़म पीरों के पीर हज़रत अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमत उल्लाह अलैहे के नाम से जानते है।
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