Image for representation only Allah ke Wali ki Shan me Quranic Ayat aur Hadees Surah Younus, Ayat No. 62 - Jonah (10:62) أَلَآ إِنَّ أَوْلِيَآءَ ٱللَّهِ لَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ ٦٢ There will certainly be no fear for the close servants of Allah, nor will they grieve. सुन लो! निःसंदेह अल्लाह के मित्रों को न कोई भय है और न वे शोकाकुल होंगे। Holy Quran: 10-62 Hadees e Nabvi-saw حَدَّثَنَا زُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ، وَعُثْمَانُ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، قَالاَ حَدَّثَنَا جَرِيرٌ، عَنْ عُمَارَةَ بْنِ الْقَعْقَاعِ، عَنْ أَبِي زُرْعَةَ بْنِ عَمْرِو بْنِ جَرِيرٍ، أَنَّ عُمَرَ بْنَ الْخَطَّابِ، قَالَ قَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم " إِنَّ مِنْ عِبَادِ اللَّهِ لأُنَاسًا مَا هُمْ بِأَنْبِيَاءَ وَلاَ شُهَدَاءَ يَغْبِطُهُمُ الأَنْبِيَاءُ وَالشُّهَدَاءُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ بِمَكَانِهِمْ مِنَ اللَّهِ تَعَالَى " . قَالُوا يَا رَسُولَ اللَّهِ تُخْبِرُنَا مَنْ هُمْ . قَالَ " هُمْ قَوْمٌ تَحَابُّوا بِرُوحِ اللَّهِ عَلَى غَيْرِ أَرْحَا...
फ़रमाने हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम ) हिंदी में - Sayings of Maula Ali - Karam Allaho Wazahul Kareem
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Sayings of Maula Ali -
(Karam Allaho Wazahul Kareem)
- जिस शख्श के दुश्मन न हो सभी दोस्त हो, उस जैसा मुनाफ़िक़ कोई नहीं। क्योंकि दुश्मन उसके होते है, जो हक़ की बात करता है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- इल्म वह खज़ाना है जिस का ज़ख़ीरा बढ़ता ही रहता है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जब तुम बेगैर किसी वज़ह से ख़ुशी महसूस करो तो यक़ीन कर लो कि कोई न कोई किसी न किसी जगह जगह आपके लिये दुआ कर रहा है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- मुश्किलतरीन काम बेहतरीन लोगों के हिस्से में आते है क्योंकि वो उसे हल करने की सलाहियत रखते है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- अक्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपनेआप को बड़ा समझ कर ज़िल्लत उठता है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है और कम सोना ईबादत है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जहां तक हो सके लालच से बचो, लालच में ज़िल्लत ही ज़िल्लत है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ़ का अंदाज़ा न कर सके उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ्ज़ो को बर्बाद करना है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो, वो हमेशा फ़क़ीर रहेगा, और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा है । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हे खुश रखे, लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो, जो तुम्हारे बगैर खुश न रह पाए । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- खूबसूरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिस इंसान से मुहब्बत होती है वो खूबसूरत लगने लगता है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- दौलत को कदमो की खाक़ बनाकर रखो क्योकि जब खाक़ सर पर लगती है तो वो कब्र कहलाती है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ । - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जब तुम्हारी मुखालिफत हद से बढ़ने लगे तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हे कोई मुकाम देने वाला है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- इल्म की वज़ह से दोस्तों में इज़ाफ़ा होता है, दौलत की वजह से दुश्मनों में इज़ाफ़ा होता है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- अगर किसी के बारे में जानना चाहते हो तो पता करो कि वह शख्स किसके साथ उठता बैठता है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- राज्य का खज़ाना और सुविधाएं मेरे और मेरे परिवार के उपयोग के लिए नहीं है , मैं बस इनका रखवाला हू . - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- किसीका ऐब तलाश करने वाले की मिसाल उस मख्खी के जैसी होती है जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड़ कर सिर्फ ज़ख्म पर बैठती है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- पूर्ण विश्वास के साथ सोना संदेह की इस्तिथि में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा वह तुमको व्यर्थ और नाज़ायज़ कामों से रोकेगा। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जब मेरा जी चाहता है कि मैं अपने रब से बात करू तो मैं नमाज़ पढता हू . - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- किसीकी आँख तुम्हारी वज़ह से नम न हो क्योकि तुम्हे उसके हर एक आँसू का क़र्ज़ चुकाना होगा। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- कभी तुम दुसरो के लिए दिल से दुआ मांग कर देखो तुम्हे अपने लिए मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- जो इंसान सज़दो में रोता है, उसे तक़दीर पर रोना नहीं पढ़ता। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
- गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो। - हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
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